Mini Goa Of Chhattisgarh State Gangrel Dam Dhamtari Chhattisgarh : गंगरेल बांध धमतरी छत्तीसगढ़

Gangrel Dam Dhamtari

Gangrel Dam Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से लगभग 10 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है गंगरेल बांध जिसे मिनी गोवा भी कहा जाता है | गंगरेल बांध को रविशंकर बांध भी कहा जाता है। धमतरी जिले में स्थित यह बांध पर्यटकों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस बांध का निर्माण महानदी पर हुआ है। 10 MV क्षमता की गंगरेल हाइडल पावर प्रोजेक्ट नामक एक हाइडल पावर परियोजना द्वारा आसपास के क्षेत्र हेतु विद्युत का उत्पादन किया जाता है। गंगरेल बाँध में जल धारण क्षमता लगभग 15,000 क्यूसेक है। इस बांध को सबसे बड़ा और सबसे लंबा बांध माना जाता है।

 
1978 में बनाया गया था गंगरेल बांध :
अब इसपर लेक व्यू प्रोजेक्टर पूरा होने के बाद यह देश का सबसे खूबसूरत आर्टिफिशियल बीच बन चुका है। इसकी तारीफ केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री केजे अल्फॉन्स ने भी की है। गंगरेल डेम प्रोजेक्ट निर्मांण के समय से ही अपने आप में एक अनोखा प्रोजेक्ट रहा है, जिसे 1978 में बनाया गया था।
 
गंगरेल बांध बनाता है छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा :
महानदी नदी के पार पे बनाया गया यह छत्तीसगढ़ का सबसे लंबा बांध है, इसकी सुन्दरता को देखने लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। यह बांध पूरे वर्ष भर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराती है, जिससे इसके आस-पास के क्षेत्रों में धान की पैदावार अधिक मात्रा में होती है और इसी वजह से छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है। यहां के मैदानी क्षेत्र के किसान प्रति वर्ष दो से तीन फसलों का उत्पादन कर लेते हैं। करीब 1830 मीटर लंबा व 100 फीट ऊंची इस बांध के पानी से लगभग 57000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है। इसके अलावा भी यह भिलाई स्टील प्लांट और नई राजधानी रायपुर को भी पानी उपलब्ध कराती है। बांध में 10 मेगावॉट की हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्लांट भी काम कर रही है।
 
धार्मिक मान्यता :
गंगरेल बाँध के एक छोर पर स्थित है, अदि शक्ति माँ अंगार मोती की प्रतिमा जो पहले क़रीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम चँवर में स्थापित थी, परन्तु अब यह गाँव डुब चुका है। इस देवी की ख्याति दूर दूर तक फैली हुई हैं ।
 
Navinikaran Gangrel Dam
Gangrel Dhamtari
 
ऐसा है यहां का आर्टिफिशियल बीच मिनी गोवा :
करीब 1 किलोमीटर के दायरे में इस आर्टिफिशियल बीच को बनाया गया है जो ट्रायबल टूरिज्म सर्किट का हिस्सा है। बांध का यह तट हुबहू किसी समुद्री तट की तरह नजर आता है और यहां उसी स्तर की सुविधाएं मुहैया की गई हैं। यहां एथनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन डेवलपमेंट के अंतर्गत लॉग हट्स, कैफेटेरिया, गार्डन, पगोड़ा, वॉटर स्पोर्ट्स की सुविधा विकसित की गई है। पैरासीलिंग, प्लायबोर्ड, ऑकटेन, जार्बिन बॉल, पी.डब्ल्यू.सी.बाईक, बनाना राईड, सौ सीटर शिप, वॉटर सायकल, कयाक, पायडल बोट्स आदि का लुत्फ सैलानी यहां उठा सकते हैं।
 
क्या है ट्रायबल टूरिस्म सर्किट :
भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत ‘ट्रायबल टूरिस्म सर्किट” में छत्तीसगढ़ के जशपुर-कुनकुरी-मैनपाट-कमलेश्वरपुर-महेशपुर-कुरदर-सरोधादादर-गंगरेल-कोण्डागांव-नथियानवागांव-जगदपुर-चित्रकोट-तीरथगढ़ सहित 13 प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। परियोजना के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा 99 करोड़ की धनराशी स्वीकृत किये गए हैं।
 
 
गंगरेल बांध कैसे पहुंचे :
सड़क मार्ग द्वारा – गंगरेल बांध तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क आपको आसानी से मिल जायेगी जिससे आप अपने वाहनों के माध्यम से पहुंच सकते हैं। यह धमतरी जिले से लगभग 10 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |
 
 रेल मार्ग द्वारा – गंगरेल बांध से सबसे निकतम रेलवे स्टेशन है, धमतरी रेलवे स्टेशन जिसकी दुरी लगभग 12 किलोमीटर है
 
 हवाई मार्ग द्वारा – गंगरेल बांध से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है, रायपुर हवाई अड्डा है जिसकी दूरी लगभग 100 किलोमीटर है|

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