Bilaspur Chhattisgarh: बिलासपुर में 17 साल के चोरी के आरोपी की हत्या उसके ही साथियों ने की है। हत्या के सभी 6 आरोपी एक दिन पहले दुर्ग के बाल सुधार गृह से फरार हो गए थे। मारे गए 17 साल के लड़के ने आरोपियों को चोरी के 10 लाख रुपए मिलने का झांसा दिया था। कहा था कि बाल सुधार गृह से फरार कराया तो सब हिस्सा बांट लेंगे। वहां से फरार होने के बाद भी आरोपियों को रुपए नहीं मिले तो उन्होंने किशोर का चाकू से गला रेत दिया। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग हत्यारोपी को पकड़ा तो राज खुला। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
सोमवार सुबह चिंगराजपारा से शनिचरी जाने वाले मार्ग पर अरपा नदी के किनारे पानी में लड़के की लाश मिली। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। जांच में शव की पहचान चिंगराजपारा के राजीव नगर निवासी राहुल साहू उर्फ सुंडा (17) पिता रामप्रसाद साहू के रूप में हुई। वह चोरी का आदतन अपराधी था। उसके गले में धारदार हथियार के निशान थे। नदी के बाहर घसीटने के निशान थे और वहां खून भी फैला हुआ था।
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एक दिन पहले दुर्ग के बाल सुधार गृह से हुए थे फरार: TI परिवेश तिवारी ने राहुल साहू के संबंध में जानकारी जुटाई, तब पता चला कि वह पांच माह पहले चोरी के मामले में दुर्ग के बाल सुधार गृह में बंद था। यह भी पता चला कि बीते एक मई की सुबह बाल सुधार गृह से सात नाबालिग आरोपी फरार हो गए हैं। उनमें राहुल भी शामिल था। ऐसे में शक हुआ कि उसके फरार साथियों ने ही उसकी हत्या की होगी।
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मोबाइल के जरिए पहुंची पुलिस: सरकंडा पुलिस ने दुर्ग पुलिस के सहयोग से फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। जांच के दौरान पता चला कि एक नाबालिग ने अपनी मां से मोबाइल पर बात की थी। इस पर पुलिस ने उसकी मां को झांसा देकर बुलाया और पूछताछ की तो घटना का पता चला। उसके बेटे ने उसे बिलासपुर में अपने दोस्त की हत्या करने की जानकारी दी थी। इतनी जानकारी मिलते ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। वह भिलाई के एक होटल में बैठकर नाश्ता कर रहा था, तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया।
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जमीन में 10 लाख रुपए दबा होने का दिया था झांसा: पूछताछ में पकड़े गए आरोपी ने पुलिस को बताया कि बाल सुधार गृह में राहुल ने उन्हें बताया था कि उसने चोरी के दस लाख रुपए जमीन में दबाकर रखे हैं। उन रुपयों को उसने आपस में बांटने और सुधार गृह से फरार होने की योजना बनाई। लालच में आकर उसके सभी साथी उसकी योजना में शामिल हो गए। रविवार सुबह करीब 8 बजे उन्होंने गेट तोड़ दिया और भाग निकले। वहां से सीधे बिलासपुर आ गए। रात में चांटीडीह पुल के पास उन्होंने शराब पी और नाइट्रा टेबलेट भी ली।
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राहुल उन्हें श्मशान घाट की ओर ले गया। जहां राहुल रुपए ढूंढने नाटक करता रहा। बाद में उसने कहा कि वह रुपए कहां दबाए हैं उसे याद नहीं आ रहा है। उसकी हरकतों को देखकर साथियों को संदेह हुआ। फिर गुस्से में आकर उसके साथ विवाद शुरू हो गया। इस दौरान उन्होंने चाकू मारकर राहुल की हत्या कर दी और शव को खींचकर नदी ले गए। वहां फेंककर सभी भाग गए। पुलिस उसके अन्य साथियों को भी पकड़ने का दावा कर रही है।
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दुर्ग पुलिस की नाकामी आई सामने: दुर्ग के बाल संप्रेक्षण गृह से सात आरोपी भाग गए और पुलिस ने उनकी तलाश तक नहीं की। दुर्ग पुलिस ने राहुल के फरार होने की सूचना न तो सरकंडा पुलिस को दी और न ही राहुल के परिजन को बताया। पुलिस उसे खोजते हुए बिलासपुर पहुंच जाती तो राहुल की हत्या नहीं होती। इस गंभीर वारदात के बाद भी दुर्ग पुलिस उनकी तलाश करने के लिए कोई रूचि नहीं दिखाई। राहुल के जिन साथियों ने उसकी हत्या की है, उसमें दो लोग हत्या के आरोपी हैं। वहीं, तीन अन्य साथी चोरी के आरोपी हैं। सभी एक साथ दुर्ग के बाल संप्रेक्ष गृह में रह रहे थे।