छत्तीसगढ़ में पहली बार दिखा ‘फायर कैप्ड टीट’, ठंडे क्षेत्रों में रहता है, चहचहाहट गाने का अहसास कराती हैं

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पहली बार फायर कैप्ड टीट नामक पक्षी को कैमरे में कैद किया गया है। इसे राज्य की महिला IAS ऑफिसर चंदन त्रिपाठी ने अपने कैमरे में कैद किया है। इस पक्षी की तस्वीर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मड़ना डीपो में ली गई है। आम तौर पर ये पक्षी ठंड वाले इलाकों में पाए जाते हैं। इनकी चहचहाहट किसी गाने का अहसास कराती हैं।

चंदन त्रिपाठी छत्तीसगढ़ राज्य हिंदी ग्रंथ अकादमी की डायरेक्टर, उच्च शिक्षा विभाग की अपर संचालक के अलावा कई विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रही हैं। चंदन को फोटोग्राफी का भी शौक है। इसी वजह से वह अक्सर पक्षियों और जीव जंतुओं की तस्वीरें कैमरे में कैद करती रहती हैं।

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01 जनवरी को भी वह गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के दौरे पर थीं। इसी दौरान उन्होंने जिले के मड़ना डीपो में इस पक्षी की तस्वीर ली है और इसे लोगों से साझा भी किया है। उनका दावा है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार इस पक्षी को देखा गया है। चंदन ने बताया है ठंडे क्षेत्रों में पाये जाने वाली ये चिड़िया का नाम फायर कैप्ड टीट है।

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ऊंचे स्थान में रहना पसंद करती हैं: चंदन ने दैनिक भास्कर की टीम को बताया कि इन्हें उंचाई में उड़ान भरने और ऊंचे स्थान में रहने के लिए जाना जाता है। ठंड के दिनों में यह प्रवास के लिए छत्तीसगढ़ सहित देश के अलग- अलग राज्यों के जंगल में जाते हैं। मगर ये पहली बार है कि इस पक्षी को छत्तीसगढ़ में देखा गया है। ये चिड़िया देखने में काफी खूबसूरत होती है। इस चिड़िया के चेहरे का हिस्सा आग जैसे भड़कीले लाल रंग की बजाए हल्का लाल होता है। शरीर पीले रंग का होता है। इस प्रजाति की चिड़िया की आवाज में एक उतार चढ़ाव का क्रम पाया जाता है। जो चहचहाने, कुरकुराने और कंपन युक्त ध्वनि के साथ गाने का अहसास कराती हैं। ये जब एक झुंड में होते हैं तो चहचहाने और कंपन युक्त ध्वनि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं।

चंदन त्रिपाठी


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