छत्तीसगढ़ में सरकार कराएगी रामायण गायन प्रतियोगिता, राज्य स्तरीय मानस गायन प्रतियोगिता जीतने वाली मंडली को पांच लाख का पुरस्कार, हर गांव में विजेता को पांच हजार रुपए मिलेंगे


छत्तीसगढ़ में सरकार कराएगी रामायण 

गायन : राज्य स्तरीय मानस गायन प्रतियोगिता जीतने वाली मंडली को पांच लाख का पुरस्कार, हर गांव में विजेता को पांच हजार रुपए मिलेंगे


छत्तीसगढ़ में भगवान राम और रामायण के प्रति श्रद्धा अगाध है। कांग्रेस के सरकार में आने के बाद भगवान राम से जुड़े प्रतीकाें का सांस्कृतिक पहचान के तौर पर प्रोत्साहन बढ़ा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार राम वन गमन पथ परियोजना लेकर आई। अब सरकार ने यहां के गांव-गांव में प्रचलित मानस गायन मंडलियों के बीच प्रतियोगिता कराने की घोषणा की है।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया, यह मानस मंडली प्रोत्साहन योजना 2021 होगी। इसके तहत ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर पंजीकृत रामायण मंडलियों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले रामायण मंडलियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर प्रथम स्थान पर आने वाली 12 हजार मंडलियों में से प्रत्येक को 5 हजार रुपए मिलेंगे। ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता की विजेता 146 मंडलियों को 10 हजार और जिला स्तर पर प्रथम स्थान पाने वाली 28 रामायण मंडलियों को 50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल करने वाली मानस मंडली को 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिलेगा। दूसरे स्थान पर रही मंडली 3 लाख रुपए और तीसरे स्थान पर आई मंडली को 2 लाख रुपए नकद पुरस्कार के तौर पर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले वर्ष शिवरी नारायण में मानस गान से जुड़े एक आयोजन में हर साल राज्य स्तरीय रामायण महोत्सव कराने की घोषणा की थी। यह प्रतियोगिता भी उसी महोत्सव की परिकल्पना का हिस्सा है।


छत्तीसगढ़ की पुरातन और विशिष्ट परंपरा है मानस गायन

त्तीसगढ़ के विख्यात दूधाधारी मठ के पीठाधीश्वर और राज्य गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष महंथ राम सुंदर दास बताते हैं, छत्तीसगढ़ में मानस गायन की पुरातन और विशिष्ट परंपरा है। हमारे यहां जैसी नवधा या नौ दिनों के रामायण गायन का आयोजन पूरे देश में कहीं नहीं होता है। इसमें दूर-दूर से मानस मंडलियां बिना निमंत्रण पहुंचती हैं और वहां जो प्रसंग मिलता है उसमें अपनी कला दिखाती हैं। उसके बाद सहस्त्रधारा यज्ञ कर पूर्णाहुति की जाती है। अगर सरकार इसकी प्रतियोगिता और नकद पुरस्कार की व्यवस्था करती है तो इस परंपरा को प्रोत्साहन ही मिलेगा।


सभी पंजीकृत मंडलियों को आर्थिक सहायता मिलेगी

अधिकारियों ने बताया, संस्कृति विभाग के चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत लगभग 7 हजार रामायण मंडलियों को वाद्ययंत्र क्रय करने के लिए 5-5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। होनहार युवा कलाकारों के लिए छात्रवृत्ति योजना भी शुरू होगी। इसके तहत प्रतिवर्ष 101 युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। गुरू शिष्य परम्परा के अंतर्गत 56 चयनित प्रशिक्षार्थियों को प्रतिमाह पांच हजार रुपए, स्कूल शिक्षा के लिए चयनित 30 छात्रों को प्रतिमाह 8 हजार रुपए तथा उच्च शिक्षा के लिए चयनित 15 छात्रों को प्रतिमाह 10 हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी।

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