रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य का खेती-किसानी से जुड़ा हरेली पर्व 8 अगस्त को पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया जाएगा। हरेली पर्व के दिन सुराजी गांव योजना के अंतर्गत निर्मित गौठानों में कृषि यंत्रों और गोधन की पूजा अर्चना के साथ ही पारंपरिक खेल-कूद एवं व्यंजन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी मंत्रीगणों, संसदीय सचिव, निगमों-मंडलों, आयोगों के पदाधिकारियों को गौठान में आयोजित होने वाले हरेली जैसे बड़े पर्व के कार्यक्रम में शामिल होने एवम् लोगों से बातचीत कर गौठान और गोधन न्याय योजना के संचालन की स्थिति को बेहतर से और बेहतर बनाने की पहल के निर्देश दिए जा चुके है।
यहां साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ बीते वर्ष हरेली पर्व के दिन 20 जुलाई को किया गया था। गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक ऐसी योजना है, जिसकी लोकप्रियता एवं चर्चा छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं वरन देश हो रही है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रुपए किलो की दर पर गोबर खरीदने की शुरुआत की गई है। गौठानों में खरीदे गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट एवं सुपर कंपोस्ट प्लस खाद का निर्माण किए जाने के साथ ही महिला स्व-सहायता समूह द्वारा कई प्राकर के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। बीते एक साल में गोधन न्याय योजना के जरिए पशुपालक ग्रामीणों से 97.55 करोड़ रूपए का गोबर की खरीदी कर अब तक लगभग 10 लाख क्विंटल वर्मी खाद का निर्माण किया जा चुका है। इस योजना के जरिए गोबर की खरीदी होने से ग्रामीणों, पशुपालक-किसानों को सीधे लाभ प्राप्त होने लगे हैं। गौठान और गोधन न्याय योजना के माध्यम से ग्रामीण अंचल में प्रारंभ हुई आयमूलक गतिविधियों ने राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक गति प्रदान करने का काम किया है
साथ ही गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी और कृषि विकास एवं किसान कल्याण एवम् जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने गौठानों में 8 अगस्त को हरेली पर्व के आयोजन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने राज्य के सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगर निगमों के आयुक्तों के साथ साथ नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को भेजे गए पत्र में हरेली पर्व के पावन अवसर पर गौठानों में पारंपरिक खेल जैसे गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, भौंरा और नारियल फेक जैसे प्रतियोगिताएं साथ ही छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की प्रतियोगिताओं का आयोजन करने के साथ ही गौठान प्रबंधन समिति और स्व-सहायता समूह एवं जनप्रतिनिधियों से गौठानों की गतिविधियों के संबंध में चर्चा-परिचर्चा का आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। हरेली पर्व के दिन गौठानों में पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण को ध्यान में रखकर पशुओं के लिए विशेष रूप से पशु चिकित्सा शिविर लगाने के साथ ही ग्रामीणों और पशुपालकों को गौठानों में पशुओं को लाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने को भी कहा गया है। साथ ही गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित होने वाले वर्मी कंपोस्ट के सुरक्षा के लिए और रखरखाव का प्रबंधन एवम् स्थानीय स्तर पर कृषकों को वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने को भी कहा गया है। गौठानों में फलादार, छायादार पौधों विशेषकर कदम का पौधा लगाए जाने और चारागाह उत्थान के भी निर्देश दिए गए हैं।