GPM : छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही(GPM) जिले में दुर्लभ प्रजाति की मछलियां मिली हैं। ये किसी नदी-नाले में नहीं बल्कि एक किसान के खेत में मिलीं, जिसका नाम महामांगुर बताया गया है। किसान के खेत में 3-3 फीट की 5 से ज्यादा इस प्रकार की मछलियों को पकड़ा गया है। जिनमें प्रत्येक मछली का वजन 4.5 किलो है। आशंका है कि यह सभी मछलियां पास में बने नाले के ऊपर स्थित जलाशय से बहकर यहां पहुंची हैं।
अमरकंटक के इलाके में पिछले 24 घंटे से तेज बारिश
दरअसल, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और अमरकंटक इलाके में पिछले 24 घंटे से तेज बारिश हो रही है। जिसका असर फसलों पर भी पड़ रहा है। लेकिन मड़ना नाला के किनारे अपने खेत में काम कर रहा सुकांत विश्वास उस वक्त हैरान रह गया। जब उसने देखा कि उसके खेत में 5 से ज्यादा 3-3 फीट की बड़ी-बड़ी मछलियां हैं। इसके बाद इन मछिलयों का पकड़ लिया गया है। आशंका है कि बारिश के चलते यह मछलियं पास के नाले के ऊपर की ओर स्थित मलानिया जलाशय से बहकर खेत में पहुंच गई होंगी।
मछली का नाम महामांगुर बताया जा रहा है
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि इस मछली का नाम महामांगुर है। इसे अंग्रेजी में कैटफिश कहते हैं। इसको पालन के लिए प्रतिबंधित किया गया है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह सर्वाहारी किस्म की मछली है, जो जिस जलाशय या जल जमाव वाले क्षेत्र में रहती है, वहां मौजूद दूसरी मछलियों को भी खा जाती है । इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि यह अपने बच्चे तक को खा जाती है। दूसरी प्रजाति की मछलियों पर खतरे के कारण ही इस मछली के पालन को प्रतिबंधित किया गया है