पुलिस गिरफ्त में 13 जवानों का हत्यारा : एक लाख का इनामी नक्सली टाइगर 21 सालों से किस्टाराम इलाके में मचा रहा था आतंक

सुकमा : नक्सल मोर्चे पर सुकमा पुलिस को सोमवार को एक बड़ी कामयाबी मिली है। किस्टाराम थाना क्षेत्र में 21 सालों से सक्रिय रहा हार्डकोर इनामी नक्सली टाइगर हूंगा को पालोड़ी के जंगल से सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया है। किस्टाराम इलाके में ही इसने अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देकर कुल 13 जवानों की हत्या की थी। हूंगा पर 1 लाख रुपए का इनाम भी घोषित है। टाइगर ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में जमकर आतंक मचा रखा था। इसकी गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ तेलंगाना पुलिस ने भी अब राहत की सांस ली है।


पालोड़ी जंगल से घेराबंदी कर दबोचा
जानकारी के मुताबिक, सुकमा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि किस्टाराम थाना क्षेत्र के पालोड़ी के जंगल में भारी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर 25 जुलाई को DRG, CRPF व कोबरा 212 बटालियन के जवानों की संयुक्त पार्टी को सर्चिंग के लिए निकाला गया था। इसी दौरान हार्डकोर इनामी नक्सली टाइगर हूंगा पुलिस के हत्थे चढ़ा। जवानों को देख हूंगा जंगल में भागने की कोशिश कर रहा था। जिसे घेराबंदी कर दबोचा गया है। टाइगर के पास से एक बंदूक व नक्सल सामग्री भी बरामद की गई है। हूंगा को सोमवार को दंतेवाड़ा न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

नक्सली कमांडर सूर्यम अन्ना ने किया था सामिल
2001 में नक्सली कमांडर सूर्यम अन्ना ने टाइगर हूंगा को नक्सलियों के बाल संघम में शामिल किया था। 6 सालों तल हूंगा बाल संघम में रह कर हथियार चलाना, IED लगाना जैसे काम सीखा करता था। इसके बाद 2006 में इसे करीगुड़म इलाके में DAKMS अध्यक्ष बनाया गया। टाइगर के काम को देखते हुए इसे साल 2011 में जनमिलिशिया कमांडर की जिम्मेदारी दी गई। पिछले 10 सालों से कई बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया है। लेकिन, 2013 में पहली बार पुलिस ने हूंगा के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज किया था। सुकमा जिले में ही हूंगा पर कुल 17 मामले दर्ज है। तेलंगना पुलिस भी अब हूंगा के अपराध को खंगाल रही है।

इन बड़ी घटना में था सामिल 
8 मई 2013 में गुलाब नाला के पास IED ब्लास्ट करने की घटना में शामिल था। इस घटना में 2 जवान शहीद व 2 जवान घायल हुए थे।
23 फरवरी 2018 में कोमनपाड़ के जंगल में सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध फायरिंग किया था। इस घटना में 1 जवान घायल हुआ था।
14 अप्रैल 2018 में सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ मारपीट कर एक को मौत के घाट उतारा था।
साल 2018 में ही किस्टाराम इलाके में IED ब्लास्ट किया था। इस घटना में CRPF के 9 जवान शहीद हुए थे।
18 फरवरी 2020 पालोड़ी इलाके में IED ब्लास्ट करने की घटना में शामिल था। इस घटना में 1 जवान शहीद व 1 जवान घायल हुए थे।
2001 से लेकर 2021 तक किस्टाराम इलाके में ग्रामीणों के सामानों की लूटपाट, सड़क काटना, IED प्लांट करना, बैनर लगाना जैसे कामों में शामिल रहा है।
SP बोले – बड़ी कामयाबी है, खुलासे भी होंगे

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