बरसात में स्वर्ग बन जाती है छत्तीसगढ़ की यह 5 जगह, Top 5 Palace in Chhattisgarh

Chitrakoot Waterfall Height
Chitrakoot Waterfall Height
 
वैसे तो छत्तीसगढ़ में आपको बहोत सी जगह मिल जायेंगे जहा आप अपने परिवार के साथ अपने दोस्तों के साथ घुमने जा सकते है लेकिन अगर बरसात के मौसम की बात करे तो जलप्रपात इस मौसम के लिए एक बेहतर विकल्प रहता है जहा आपको हरे भरे जंगल, पानी की तेज धार से बहते जलप्रपात और लबालब भरे डैम देखने को मिल जाते है, आज उन्ही ढेर शारे जलप्रपात व डैमो में से आपके लिए लेके आये है पांच प्रमुख जगह जहा आप बरसात के मौसम में घुमने जा सकते है
 
 

1.Chitrakote Waterfalls Bastar Chhattisgarh: चित्रकोट जलप्रपात बस्तर ज़िले में स्थित एक विशाल जलप्रपात है, जिसकी ऊँचाई लगभग 90 फुट और चौड़ाई लगभग 980 फुट है, आसपास घने जंगलो के बिच स्थित 90 फीट की उचाई से इन्द्रावती की ओजस्विन धारा गर्जना करते हुये गिरती है, जो आपका मान मोह लेगी, ‘भारतीय नियाग्रा’ के नाम से प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात वैसे तो प्रत्येक मौसम में दर्शनीय है, लेकिन बरसात के मौसम में इसे देखना अधिक रोमांचकारी अनुभव होता है, रात में इस जगह को पूरी रोशनी के साथ प्रबुद्ध किया गया है, यहाँ के झरने से गिरते पानी के सौंदर्य को पर्यटक रोशनी के साथ देख सकते हैं, इस जलप्रपात की विशेषता यह है कि वर्षा के दिनों में यह रक्त लालिमा लिए हुए होती है, तो गर्मियों की चाँदनी रात में यह बिल्कुल सफ़ेद दिखाई देता है। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य में और भी बहुत से जलप्रपात हैं, किन्तु चित्रकूट जलप्रपात सभी जलप्रपातो से बड़ा है।



2.Jatmai Ghatarani Mandir Gariyaband Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 80 किलोमीटर पर राजिम मार्ग में स्थित है जतमई घटारानी का मनमोहक मन्दिर जहा आपको झरना भी देखने को मिलता है, यहा आपको दो अलग अलग मंदिर देखने को मिलते है पहला जैतमाई और दूसरा है घटारानी इन दोनों मंदिरों में आपको माता के दर्शन करने को मिलेंगे और साथ ही साथ इन दोनों जगहों में आपको झरने भी देखने को मिलेंगे यहा स्थित दो झरनों में से जैतमाई झरना आपको चमत्कारी देखने को मिलता है कहते है की यहा प्रत्येक वर्ष माता जैतमाई के चरण छूने नदी की जलधारा इतना विक्राल रूप लेती है, की पानी का बहाव माता के चरणों तक पहोच जाती है

 

3.Hasdeo Bango Dam, Satrenga Korba Chhattisgarh: कोरबा से लगभग 38 किलोमीटर की दुरी पर सतरेंगा गाँव में स्थित है एक खुबसूरत झील जहा आपको दूर दूर तक पानी ही पानी दिखाई देती है क्योकि बरसात के मौसम में यह झील पानी से लबालब भरा होता है और वही सतरेंगा से लगभाग 35 किलोमीटर की दुरी पर बांगो डैम स्थित है जहा आपको एक विशाल बांध देखने को मिलता है, जिसका निर्माण सन उन्नीस सौ बैसठ में हसदेव नदी में किया गया था। यह छत्‍तीसगढ़ का सबसे लम्‍बा व चौड़ा डैम है, जिसका जलभराव क्षेत्रफल लगभग छः हजार सात सौ तीस वर्ग किलोमीटर है, इस बांध की उंचाई लगभग छियासी मीटर और लम्‍बाई लगभग पांच सौ पचपन मीटर है, इसमें करीब ग्यारह गेट लगे हुए हैं जिनमें से दस परिचालन हैं जो पानी ज्‍यादा होने पर ओवरफलो रोकने के लिए पानी छोड़ते है, वैसे हसदेव बांगो परियोजना से छत्‍तीसगढ़ के कई स्थानों की जलापूर्ति भी की जाती है, जिसके लिए इसके गेट को खोला जाता है तब इस उचे बांध में भरे लबालब पानी और उचाई से गिरती पानी की जलधारा को देखना काफी रोमांच भरा होता है,

 

4.Teerathgarh Waterfall Bastar Chhattisgarh: जगदलपुर से 35 किलोमीटर दूर स्थित यह आश्चर्यजनक झरना पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है, पर्यटक यहां की मनमोहक छटा में इतना खो जाते हैं कि उनका यहा से वापस जाने का मन ही नहीं करता। मुंगा बहार नदी पर स्थित यह झरना प्राकृतिक संरचनाओं की झुकी हुई पहाड़ी से 300 फीट नीचे गिरता है, दूध के झाग का प्राकृतिक फव्वारा और पानी के गिरने से बनी पानी की बूंदें पर्यटकों को सुकून देती हैं, हजारों साल पहले, भूकंप के साथ एक चंद्र क्रेटर द्वारा नदी के नीचे की ओर की चट्टानों को गिरा दिया गया था, और इसके द्वारा बनाई गई सीढ़ी, नुमा घाटी ने इस मनोरम झरने का निर्माण हुआ

 

5.Gangrel Bandh Dhamtari chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से लगभग 10 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है गंगरेल बांध जिसे मिनी गोवा भी कहा जाता है | गंगरेल बांध को रविशंकर बांध भी कहा जाता है। धमतरी जिले में स्थित यह बांध पर्यटकों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस बांध का निर्माण महानदी पर हुआ है। गंगरेल बाँध में जल धारण क्षमता लगभग 15,000 क्यूसेक है। इस बांध को सबसे बड़ा और सबसे लंबा बांध माना जाता है, जहा आपको दूर दूर तक पानी दिखाई देती है और पानी में लहरे भी बनती है जिसकी वजह से आपको यह जगह गोवा पूरी जैसे जगहों का आनंद देती है

 

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