रायपुर छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ राज्य में एक बार फिर से कर्ज के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। दरअसल विपक्ष के द्वारा जरूरत से ज्यादा कर्ज लेने पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश किया गया है। बीजेपी नेताओं के द्वारा विधानसभा के बजट सत्र में भी यह मुद्दा उठाया गया है। बीजेपी के द्वारा यह भी कहा गया कि सरकार अपनी बजट का कुल 80 फीसदी कर्ज ले चुकी है। जिसके कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था का काफी बुरा हाल है। विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा पलटवार किया गया कि मौजूदा कर्ज का कुल 50 फीसदी हमें बीजेपी सरकार से विरासत में प्राप्त हुई है। कर्ज के नए आंकड़े पेश करते हुए सीएम के द्वारा यह कहा गया कि 2012-13 के बाद उनकी सरकार के द्वारा सबसे कम कर्ज लिया गया है।
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छत्तीसगढ़ राज्य में इन दिनों सत्ता पक्ष तथा विपक्षी नेताओं के बीच राज्य सरकार के बीच कर्ज ज्यादा लिए जाने के मुद्दे को लेकर बयानबाजी भी हो रही है। विधानसभा के बजट सत्र में भी इस मुद्दे को लेकर काफी हंगामा भी हुआ। बीजेपी नेताओं के द्वारा यह आरोप भी लगाया गया है कि राज्य सरकार अपनी बजट का कुल 80 फीसदी अब तक कर्ज ले चुकी है। जिसकी वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति में काफी बुरा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के द्वारा यह भी कहा गया है कि 15 साल में जितना कर्ज हमारी सरकार के द्वारा नहीं ली उससे कही ज्यादा कर्ज कांग्रेस सरकार पिछले तीन साल में ले चुकी है। इसके कारण राज्य सरकार केन्द्रीय योजनाओं में भी अपनी हिस्सेदारी को नहीं दे पा रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार पर फिलहाल 84 हजार 232 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। इस भारी भरकम कर्ज के आंकड़ों पर बीजेपी लगातार राज्य सरकार को घेरने की कोशिश में लगी हुई है। जबकि कांग्रेस का यह दावा है कि रमन सरकार से विरासत में मिले भारी कर्ज का खामियाजा उसकी सरकार भुगत रही है। विपक्ष के आरोपों पर अब भूपेश बघेल के द्वारा आंकड़ों के साथ अपनी बात रखते हुए करारा जवाब भी दिया गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा यह भी कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम ऋण इसी वर्ष लिया गया है। पिछले 3 सालों में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में करीब 13 हजार 89 करोड़ रूपए की कमी तथा कोविड आपदा के कारण राजस्व में अपेक्षित ज्यादा वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य सरकार को ऋण लेना भी पड़ा। राज्य सरकार के द्वारा अबतक केवल 33 हजार 886 करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज लिया गया है।
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दरअसल बीते कुछ वर्षों से केन्द्र सरकार जीएसटी की पूरी राशि राज्यों को समय से नहीं दे पा रही है। जिसके कारण राज्यों को इस राशि के भरपाई के लिए भी काफी कर्ज लेना पड़ रहा है। इन्हीं राज्यों में एक छत्तीसगढ़ राज्य भी सामिल है। जहां केन्द्र से जीएसटी समेत अन्य रायल्टी अथवा सेस की लगभग 15 हजार करोड़ की राशि अब तक नहीं मिली है। वहीं दो वित्तीय वर्ष में राज्य के राजस्व में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं हो पाई। ऐसे में मौजूदा भूपेश सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है कि उनके द्वारा मुश्किल हालात में भी कम कर्ज लेकर वित्तीय प्रबंधन का शानदार उदाहरण पेश किया गया है।
source -ibc24
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