Ratanpur Manghi Purni Mela 2023 : रतनपुर में हर साल मांघी पूर्णिमा के दिन से 7 दिनो के मेले का अयोजन किया जाता है लेकिन भिड़ को देखते हुऐ यह कभी कभी 10 से 15 दिनो तक भी चलता है। जहा भारी संख्या में लोग मेला घूमने आते है।
किस दिन से प्रारम्भ होता है रतनपुर मेला? : इस बार भी रतनपुर नगर में मांघी पूर्णी के दिन 5 फ़रवरी को मेले का सुभारम्भ होने जा रहे है। अभी से ही मेला स्थल पर तैयारी शुरू हो गई है, झूले और कई दुकानें अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर दिया है। जैसा की हम जानते है कि रतनपुर में लगने वाला मांघी पूर्णी मेला की प्रसिद्धि काफी दूर दूर तक है, रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर की प्रसिद्धि के कारण रतनपुर मेला काफी विख्यात हुई है और काफी दूर दूर से लोग यहां आया करते है।
रतनपुर में किस जगह लगती है मेला? : माघी पूर्णिमा के दिन ही सुबह से लोगों की भारी भीड़ दुल्हरा तालाब में देखने को मिलती है। इस तालाब में स्नान करने के बाद श्रद्धालु रतनपुर मेला देखने जाते हैं। रतनपुर का माघी मेला आठा बिसा नामक तालाब के पास लगता है। यानी रामटेकरी मंदिर तथा गिरजाबन्द हनुमान जी के मंदिर जाने की गेट के पास से ही मेले के लिए दुकानें शुरू हो जाती है, जो काफी दूर तक और मैदान के अंदर पूरी तरह भरी रहती है।
मेले लगने की पौराणिक मान्यताएं : मान्यता यह भी है कि पुरातन समय में राजा की 28 रानियों द्वारा पूर्णिमा के ही दिन राजा के शव के साथ सती की गई थी। उन्हीं की याद में एक सती चौरा मेला स्थल पर आज भी यहां पर विद्यमान है। तथा उसी स्थल पर आठाबिसा तालाब खुदवाया गया था। और उनकी की यादों में यह मेला तब से लेकर अब तक आयोजित होती चली आ रही है। लेकिन वक्त के साथ मेले का रूप बदल चुका है
रतनपुर मेला कितने दिनों का होता है? : वैसे तो रतनपुर की माघी पुर्णिमा मेला पूरे एक सप्ताह भर का होता है लेकिन मेले में भराव ही ऐसी रहती है की यह 10 से 15 दोनो तक पहुंच जाती है। यहां के मेले में सभी प्रकार की दुकानें लगते है अनेक प्रकार के झूला, मीना बाजार , खिलौना ,जूते चप्पल से लेकर बर्तन ,होटल ,ओखरा,कपड़े की भारी मात्रा में दुकान यानी हर तरह की दुकानें इस मेले में लगे रहते है। डबल मंजिल वाली मौत कुंए यहां की सुंदरता बढ़ती है और लोगो की अपनी ओर खींचती है।
मेले की आकर्षण का केंद्र बिंदु : छत्तीसगढ़ की सबसे प्रसिद्ध मेले में से एक है रतनपुर मेला,वहीं इस मेले के आकर्षण के रूप में यहां के कुछ पुराने मोहल्ले में रहने वाले परिवारों के द्वारा अपने हाथों से बनाएं गए लकड़ी के खिलौने तलवार चिड़िया गाड़ी इत्यादि अनेक तरह के समान इस मेले के सुंदरत को कई गुना बढ़ा देते हैं। यह यहां की आय का भी एक प्रमुख स्रोत है हर साल यहां से अधिक समान की बिक्री होती है।