बिलासपुर हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा एक युवक की तलाक याचिका स्वीकार करते हुए अहम फैसला सुनाते हुए बयान दिया गया है कि पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध का होना एक स्वस्थ्य वैवाहिक जीवन का मुख्य हिस्सा है। कोर्ट द्वारा शादी के बाद शारीरिक संबंध नहीं बनाने वाले पति-पत्नियों के व्यवहार को क्रूरता के समान बताया है।
यह भी पढ़े : छत्तीसगढ़ में पटवारी के 301 पदों पर निकली भर्ती, छत्तीसगढ़ शासन की मिली मंजूरी, Government
Sex After marriage : याचिका को स्वीकार किया गया है। वहीं कोर्ट के द्वारा यह भी कहा गया है कि पति- पत्नी में शारीरिक संबंध होना एक स्वस्थ वैवाहिक जीवन का प्रमुख और एक अहम हिस्सा है। विवाह के बाद पति या फिर पत्नी में किसी के भी द्वारा शारीरिक संबंध से इनकार करना किसी क्रूरता की श्रेणी में ही आता है।
बिलासपुर निवासी युवक की पूरी रीति रिवाज के साथ शादी 25 नवंबर 2007 को बेमेतरा में रहने वाले एक महिला के साथ हुई थी। शख्स के द्वारा अपनी तलाक की अपील के द्वारा यह बताया गया कि उसकी पत्नी शादी के कुछ दिन बाद ही अपने पिता के घर को चली गई थी तथा फिर वापस ही नहीं आई।
यह भी पढ़े : औरापानी जलप्रपात कोटा बिलासपुर छत्तीसगढ़।
इस बीच वो लगातार फोन से संपर्क में रहा तथा उसे अपने घर वापस लाने की कोशिश भी करता रहा लेकिन उसकी पत्नी द्वारा यह कहते हुए वापस आने से इनकार कर दिया गया कि उसका पति सुंदर नहीं है। इस के अलावा शख्स के द्वारा अपनी तलाक की अर्जी में यह भी बताया गया है कि पत्नी विवाह के कुछ दिनों के भीतर ही क्रूरता का व्यवहार करना शुरू कर दी थी। उसे मानसिक रूप से लागातार यह कहकर प्रताड़ित करने लगी थी कि उसका पति सुंदर नहीं है।
यह जा पढ़े : बिलासपुर के आस पास घूमने लायक अच्छी जगह।
पीड़ित का यह कहना है कि पिता के निधन के बाद पत्नी मायके चली गई तथा वहां लगभग चार वर्ष तक लगातार रही। इस दौरान पति मोबाइल से संपर्क करने की कोशिश भी कर रहा था। पत्नी को वापस आने हेतु कहने पर पत्नी का यह जवाब आता था कि पति को बिलासपुर शहर छोड़कर बेमेतरा में बसने को कहा जाता था।
यह भी पढ़े : चापी डैम रतनपुर बिलासपुर छत्तीसगढ़।
बिलासपुर हाई कोर्ट ने सुनाया फ़ैसला : इसके बाद पति के द्वारा फैमिली कोर्ट में तलाक की अपील किया गया, लेकिन फैमली कोर्ट के द्वार याचिका खारिज कर दिया गया, तो पति के द्वारा हाईकोर्ट में अपील किया गया। इसे बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। इस मामले को लेकर विशेष टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि, पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध न होना क्रूरता की व्यवहार की श्रेणी में आता है।
यह जा पढ़े : बिलासपुर के आस पास घूमने लायक अच्छी जगह।