Chhattisgarh: युद्धग्रस्त यूक्रेन की हवाई सीमा बंद होने के बाद छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों का पहला जत्था रविवार सुबह दिल्ली पहुंच गया। इसमें छह लोग शामिल थे। राज्य सरकार के अधिकारी उन्हें हवाई अड्डे से रिसीव कर छत्तीसगढ़ सदन लाए । फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन विद्यार्थियों से मुलाकात की।
अधिकारियों ने बताया, यूक्रेन के विभिन्न शहरों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे दीपक साहू, पारस साहू, राहुल पटेल, आस्था सिंह, शमशी फिरदौस और नादिया अली रविवार सुबह दिल्ली पहुंच गए। उन्हें ऑपरेशन गंगा के तहत एयर इंडिया की विशेष उड़ान से अन्य भारतीय विद्यार्थियों के साथ लाया गया। हवाई अड्डे पर राज्य सरकार के अधिकारियों ने उन्हें रिसीव किया। वहां से उन्हें सीधे छत्तीसगढ़ सदन लाया गया। वहां उनके रुकने और भाेजन आदि का प्रबंध किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विद्यार्थियों और दूसरे नागरिकों की वापसी का खर्च उठाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने देर रात कहा था, यूक्रेन से अपने निजी खर्चे से छत्तीसगढ़ लौटने वाले छात्रों और नागरिकों के खर्च का वहन छत्तीसगढ़ सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने यूक्रेन से आ रहे विद्यार्थियों और दूसरे नागरिकों की छत्तीसगढ़ तक आने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए थे।
चार जिलों के बच्चे आए हैं: अधिकारियों ने बताया, जो छह विद्यार्थी रविवार सुबह दिल्ली पहुंचे हैं, वे छत्तीसगढ़ के अलग-अलग चार जिलों से हैं। इनमें से आस्था सिंह रायपुर की हैं। नादिया अली का निवास छोटा बाजार, चिरमिरी जिला कोिरया है, वहीं शमशी फिरदौस सुपेला भिलाई की रहने वाली हैं। महासमुंद जिले के सिन्धौरी गांव से राहुल पटेल और दीपक साहू है वहीं पारस साहू महासमुंद जिले के ही फरफौद के निवासी हैं। ये सभी लोग रविवार रात अथवा सोमवार तक रायपुर पहुंच जाएंगे।
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