रायपुर छत्तीसगढ़ : कोरोना की तीसरी लहर में अधिकतर मौतें उन लोगों की ही हो रही है, जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया। इस महीने की डेथ ऑडिट रिपोर्ट से यह सामने आया है कि जनवरी के 28 दिनों में जिन कोरोना संक्रमित की मौत हुई है, उनमें से अधिकतर द्वारा कोई भी टीका नहीं लगवाया गया था।
इस माह 28 जनवरी तक कोरोना से छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 209 मरीजों की मौत दर्ज की गई है। उनकी डेथ ऑडिट रिपोर्ट द्वारा यह पता चला कि इनमें से 135 लोगों को कोरोना टीके की एक खुराक नहीं लगी थी। तथा 20 लोगों को केवल एक ही डोज लगाई गई थी। वहीं 54 मरीज ऐसे थे जिन्हे टीके की दोनों खुराक लगाई जा चुकी थी। पिछले सप्ताह रायपुर जिले में एक 37 साल के युवक की मौत हुई। पड़ताल में पता चला कि उसने भी कोरोना के टीके की एक भी डोज नहीं लगवाया था।
एपिडेमिक कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ. सुभाष मिश्रा का यह कहना कहना है कि अभी तक की हालात को देखते हुए कोरोनारोधी टीका काफी प्रभावी लग रहा है। तथा संभव यह भी है कि अधिकतर लोगों की टिकाकरण हो जाने की वजह से ही कोरोना की इस बार की यानी तीसरी लहर, अपनी दूसरी लहर के जैसी तबाही नहीं मचा पाई। लोग काफी बड़ी संख्या में बीमार पड़े। उसमें टीके की दोनों डोज पूरी तरह लगवा चुके लाेग भी शामिल थे, लेकिन इनमें से करीब 97-98% काे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत भी नहीं पड़ी। डेथ ऑडिट से प्राप्त रिर्पोट से भी यही पता चल रहा है, उन लोगों की मौत अधिक हुई है जिन्होंने कोरोना का एक भी टीका नहीं लगवाया था। डॉ. सुभाष मिश्रा द्वारा यह कहा गया कि लोगों को अभी भी देर नहीं करनी चाहिए। अपने नजदीकी टीका केंद्रों पर पहुंचकर टीका जरूर लगवा लेनी चाहिए।
2 लाख लोगों द्वारा नहीं लगवाया गया टीका : छत्तीसगढ़ राज्य में अभी भी 18 साल से अधिक उम्र के करीब एक लाख 41 हजार से भी अधिक लोगों द्वारा कोरोना टीके की एक भी डोज नहीं लगवाई गई है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 18 साल से अधिक उम्र लोगो के एक करोड़ 96 लाख 51 हजार लोगों में टीकाकरण लक्ष्य तय किया गया था। अभी तक लगभग एक लाख 95 हजार 9 हजार 375 यानी 99% लोगों को टीका लगा है। तथा कुल एक करोड़ 41 लाख 80 हजार 279 यानी करीब 72% को दोनों डोज लग चुके हैं। इस महीने शुरू हो चुकी 15 से 18 साल के किशोरों में टीकाकरण का केवल 59% लक्ष्य ही पूरा हो पाया है। कुल 16 लाख 39 हजार में से 9 लाख 75 हजार बच्चों को ही अभी तक टीका लग पाया है।
यह भी पढ़े : बाबा धाम, रायगढ़ के तपस्वी बाबा जी के बारे में एक लेख।
पहले मारामारी था तो अब केंद्रों पर सन्नाटा : कोरोना टीकाकरण अभियान की सुभारंभ में टीके का उत्पादन काफी कम था। ऐसे में टीकाकरण केंद्रों पर भारी भीड़ हो जा रही थी। 18 साल से अधिक आयु वाले लोगों का जब टीकाकरण शुरू हुआ तो कई केंद्रों पर भीड़ संभालने के लिए पुलिस बल बंदोबस्त करना पड़ा। अब जब टीके का उत्पादन तथा आपूर्ति पर्याप्त है तो टीकाकरण केंद्रों में काफी सन्नाटे की हालात हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल बंद भी हुए तो 15 से 18 साल तक के बच्चों में टीकाकरण की रफ्तार भी काफी धीमी हाे गई है।