5 किलोमिटर दूर तक सुनाई देती है जलप्रपात के गिरने से उत्पन्न गर्जना : इस जलप्रपात से जैसे जैसे नीचे जाते है, चार अलग अलग स्तरों पर यह प्रपात बनता हुआ दिखाई पड़ता है। बरसात के दिनों में इस जल प्रपात में जल का भराव अपने पूरे शबाब पर होता है। जिसकी सुंदरता देखते ही बनती है। इस जलप्रपात की गर्जना की आवाज आसपास के 4 से 5 km. दूर के क्षेत्र यानी की पुरे गॉव में सुनाई देती है। मॉनसून के दौरान इसकी प्रकृतिक सुंदरता का आनंद लेने काफी दूर दूर से लोग यहां आते हैं।
आखिर दुनिया से छिपा हुआ क्यों है यह जलप्रपात (CG top hill station) : यह जलप्रपात इतना विशाल दिखाई पड़ता है की इसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। हांदावाड़ा जलप्रपात के बारे में जाने माने पर्यटन विदों का यह दावा है कि यह जलप्रपात ना केवल छत्तीसगढ़ का ही बल्कि पूरे देश के सबसे बड़ी जलप्रपातो में से एक है। परंतु माओवादी यानी नक्सली इलाका होने की समस्या तथा दुर्गम पहुंच मार्ग होने के कारण हांदावाड़ा नामक यह जलप्रपात पर्यटकों की नजर से काफ़ी समय से ओझल सा बना रहा है। नारायणपुर जिले से करीब 75 km. की दूरी पर ओरछा ब्लॉक मुख्यालय स्थित है। तथा ओरछा से करीब 30 km. का सफर सड़क मार्ग द्वारा भटबेडा गांव तक तय पहुंचा जा सकता है। जिसके आगे की 10 km. Ki दूरी सीधी पहाडी को पैदल ही चढकर पार करना पडता है। लेकिन जैसे जैसे समय गुजरता जा रहा है, एवं नक्सलियों का खतरा जैसे जैसे काम होता जा रहा है यहां पहुंचने दी सैलानियों की संख्या दिनो दिन बढ़ती जा रही है।
हांदावाड़ा जलप्रपात को बाहुबली फिल्म के एक सीन के लिए चुना गया था : इस जलप्रपात को देखते हुए साउथ की ब्लॉकबस्टर मूवी बाहुबली के पहले पार्ट की एक सीन के शूटिंग के लिए चुना गया था, लेकिन कुछ नक्सली खतरे को देखते हुए डायरेक्टरों को अपने प्लान को बदलना पड़ा और इसके जगह आर्टिफिशियल सीन का इस्तेमाल शूटिंग हेतु किया गया। अगर इस जगह में सच में बाहुबली के शूटिंग हुई होती तो शायद आज यह पूरे भारत भर में काफी प्रसिद्ध रहता और लोगो को इस अमूल्य जगह के बारे में पता चल पता। लोग इसे बाहुबली झरने के नाम से भी जानते है।
प्राकृतिक संपदा का भंडार : हांदावाड़ा के इस जलप्रपात तक पहुचने हेतु कोई पक्की सडक अब तक नहीं बन पाई है। अतः केवल दो पहिया वाहनो के मदद से ही काफी कच्ची सडक के द्वारा हांदावाड़ा पहुचा जा सकता है। ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि बीजापुर, दंतेवाड़ा एवं नारायणपुर जैसे जिले केवल संवेदनशील गतिविधियों हेतु ही जाने जाते हैं। लेकिन बहुत कम लोगो के ही इस बारे में जानकारी है कि ये सभी जिले सबसे अधिक विदेशी सैलानियों का दर्शनीय स्थल है। साथ ही सुंदर गुफाओं, झरनों तथा घाटियों का विशाल घर हैं । चारो ओर स्वच्छ एवं प्राकृतिक वातावरण जो प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर खींचती हुई यहां ले आती है। हर तरह की प्रकृति पेड़ पौधे एवं वन्य संपदा यहां मिलते है।
सड़क मार्ग द्वारा : नारायणपुर जिले से करीब 75 km. की दूरी पर ओरछा ब्लॉक मुख्यालय स्थित है। तथा ओरछा से करीब 30 km. का सफर सड़क मार्ग द्वारा के द्वारा भटबेडा गांव तक तय पहुंचा जा सकता है। अतः आप सड़क मार्ग द्वारा नारायपुर पहुंच कर आसानी से यहां पहुंच सकते है।
रेल मार्ग द्वारा : नजदीकी रेल मार्ग नारायणपुर जिले में स्थित है। जहां पहुंचने के बाद आप सड़क मार्ग द्वारा बस या ऑटो के के सहारे यहां पहुंच सकते है। रायपुर रेलवे स्टेशन से करीब 356 km. की दूरी पर है नारायणपुर रेलवे स्टेशन।
हवाई मार्ग द्वारा : अगर आप दूर दराज प्रदेश से यहां आना चाहते है। तो आपको इसके आस पास सबसे नजदीकी हवाई अड्डा रायपुर स्थित स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डा मिलेगा जहा पहुंचने के बाद आप सड़क या रेल मार्ग द्वारा यहां आसानी से पहुंच सकते है।
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