Chandi Mata Mandir Birkoni Mahasamund : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से लगभग 15 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दुरी पर बिरकोनी गाँव में स्थित है। माँ चंडी माता मंदिर जो माँ दुर्गा का ही एक रूप है अगर बात आती है चण्डी माता मंदिर की तो पहले याद आता है बागबाहरा में स्थित चण्डी माता मंदिर का जो जिला महासमुंद मे ही है। पर हम सायद ही यह जानते होंगे के महासमुंद जिले के ही एक अन्य गाँव बिरकोनी में स्थित है माँ चण्डी माता मंदिर जो एक शक्तिपीठ है जिसमे चण्डी माँ वास करती है। यह मंदिर यहाँ रहने वाले लोगो व आसपास के लोगो का आस्था का केंद्र है। यह मंदिर पुरे छत्तीसगढ़ में प्रचलित है।
इतिहास: माता चण्डी के बारे में कई कहानी व कथाये सुनने को मिलती है, जिसमे से माता चण्डी की बिरकोनी आकार निवास करने की कथा काफी प्रचलित है। स्थानीय लोग कहते है की माँ चण्डी पहले बिरकोनी से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम भोरिंग मे निवास करती थी। यही कारण है के उनका मूल ग्राम अभी भी भोरिंग को ही माना जाता है, लेकिन कहते है की ग्रामीणो से मान सम्मान न मिलने के कारण माँ चंडी दाई खुद को अपमानित महसूस करने लगी व रुष्ठ होकर अपने दो बालकों के साथ गाँव से चली गई गंतव्य के पूर्व निर्धरित न होने के व अकास्मिक ग्राम छोडने के कारण माँ ने निर्णय लिया की चलते चलते जहां शाम ढलेगी वो वही निवास कर लेंगी इस तरह विचार के साथ वे ग्राम भोरिंग से घनघोर जंगलो की ओर निकल पड़ी और जहां शाम ढाली वही पाषाण रूप मे अपने दो छोटे बालकों के साथ स्थापित हो गई बाद मे यही स्थान बिरकोनी के रूप मे प्रचारित हो गया। ग्रामीणो की माने तो जब ग्राम भोरिंग के लोगो ने माँ से वापस ग्राम आने का निवेदन किया तो इसके लिए माँ ने एक शर्त रखी थी वो ये की कोई साधक पैदल यात्रा कर भोरिंग से बिरकोनी माँ के दर्शन हेतु आता है व जीतने कदम से चलकर वह आया हो उतने नारियल माँ को भेंट करे तो माँ फिर से भोरिंग आ सकती है” परंतु आज तक ऐसा हो न सका।
मंदिर का भूगोल: मंदिर परिषर मे अनेक साज सजावट के कार्य किये गये है, जो मंदिर की सुंदरता बढ़ाते है व मंदिर को काफी खुबसूरत रूप देते है, यहाँ एक चबूतरे के ऊपर प्रांगण मे विशाल वटवृक्ष है जहा लोग मनोकामना पूर्ति हेतु के लिए नारियल बांधते है व परिक्रमा भी करते है। मुख्य मंदिर के दाहिने ओर दो अन्य विशाल नवनिर्मित हनुमान जी की प्रतिमा व शिव जी की मंदिर है, इन मंदिरो का आकर्षण देखते बनता है। मंदिर के द्वार पर दो बड़े शिह की प्रतिमाएँ भी बनाई गयी है I जिनकी भूमिका द्वार पहरी के रूप में है।
सुनी गोंद भारती है मईया: माँ चण्डी निःसंतान स्त्रियों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है कहते है की माँ चण्डी के आशीर्वाद से हर निःसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति हो जाती है।
वर्ष के दोनों पर्वो में लगता है मेला: वर्ष के दोनों पर्व को नवरात्रियों मे मंदिर विशेष आकर्षण का केंद्र होता है पूरे नौ दिनो तक मंदिर परिषर मे ही झांकिया व देवी जसगीतों का आयोजन होता है पंचमी व अष्टमी मे बड़ी संख्या मे श्रद्धालु दर्शन हेतु यहा पहुँचते है। साथ ही यहा छत्तीसगढ़ मे मनये जाने वाले पर्व छेरछेरा पुन्नी मे विशाल मेले का आयोजन होता है। अन्य दिनो मे भी माँ के दर्शन हेतु श्रद्धालु आते है, मंदिर प्रातः 6 बजे से रात्री 10 बजे तक श्रद्धालुओ के दर्शन हेतु खुले होते है।
चंडी माता मंदिर बिरकोनी कैसे पहुंचे: सड़क मार्ग – चंडी माता मंदिर बिरकोनी महासमुंद जिले के बिरकोनी गाँव में स्थित है जहा आने के लिए आपको पक्को सड़क आसानी से मिल जाएगी यह महासमुंद जिले से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है व छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग – चंडी माता मंदिर बिरकोनी से सबसे निकतम रेलवे स्टेशन है, महासमुंद रेलवे स्टेशन जिसकी दुरी लगभग 15 किलोमीटर है।
हवाई मार्ग – चंडी माता मंदिर बिरकोनी से सबसे निकटतम हवाई अड्डा छत्तीसगढ़ का मुख्य हवाई अड्डा रायपुर हवाई अड्डा है जिसकी दुरी लगभग 65 किलोमीटर है।