गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया छत्तीसगढ़ || Guru Ghasidas National Park Koriya

 

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया : गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान एक बहुत ही खूबसूरत जगह है, जो की छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले में स्थित है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को छत्तीसगढ़ राज्य के सभी संरक्षित क्षेत्रों में सबसे महत्वपूर्ण एवं अद्वितीय माना जाता है। छत्तीसगढ़ स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पूर्व संजय नेशनल पार्क का ही एक हिस्‍सा है। जिसे अलग उद्यान तब बनाया गया, जब मध्य प्रदेश के एक हिस्से को छत्तीसगढ़ राज्य बनाया गया था। इस राष्ट्रीय उद्यान का लगभग 60 प्रतिशत हिस्‍सा छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले में ही स्थित है। जिसका नाम इस क्षेत्र के एक सुधारवादी महान नायक गुरु घासीदास जी के नाम पर रखा गया है। यह उद्यान अपनी जैव विविधता के कारण बहुत ही अधिक विख्यात है।

 

स्थिति : गुरु घासीदास नेशनल पार्क बैकुंठपुर अर्थात् कोरिया जिले के बैकुंठपुर सोनहत मार्ग पर 5 km. की दुरी पर स्थित है। जिसकी स्थापना सन् 2001 में किया गया था। जिससे पहले यह राष्ट्रीय उद्यान संजय राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का भाग हुआ करता था। इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल लगभग 1440.705 वर्ग km. है। इस राष्ट्रीय उद्यान से अरपा एवं गोपद नदी बहती हैं। अरपा नदी का उद्गम भी इसी राष्ट्रीय उद्यान से ही हुआ है। इसके अतिरिक्त नेऊर, बीजागुर, रेहंठ एवं बनास नदीयों का जलग्रहण क्षेत्र भी यही राष्ट्रीय उद्यान ही है।

Gurughasidas National Park
Gurughasidas National Park

यहां पाए जाने वाली प्रजातियाँ : यह राष्ट्रीय उद्यान उन्नत पहाड़ों तथा नदियों से घिरा हुआ है। यहाँ साल, साजा, धावड़ा, कुसुम, तेन्दु, आंवला, आम, जामुन एवं बांस के वृक्षों के अतिरिक्त जड़ी-बुटियाँ आदि के भी पर्याप्त भंडार मौजूद हैं। इस अभ्यारण्य में बाघ, कोडरी, तेन्दुआ, गौर, चिंकारा, सांभर, भेडिया, उदबिलाव, चीतल,जंगली सुअर, नीलगाय, भालू, लंगूर, सेही, लोमडी, खरगोश, बंदर, जंगली कुत्ता, सियार आदि जानवर एवं मुर्गे, मोर, किंगफिसर,धनेश, महोख, बाज, चील, उल्लू, तोता, बगुला एवं मैना आदि पक्षी पाये जाते हैं।

 

यहां पाए जाने वाली जनजाति : इस राष्ट्रीय उद्यान में 35 राजस्व ग्राम हैं, जिनमें मुख्यतः पांडो, चेरवा, खैरवार, गोड़, अगरिया, जनजातियॉं निवास करती हैं। इन जनजातियों की मुख्य भाषा हिन्दी है।

 

छत्तीसगढ़ राज्य का चौथा टाइगर रिजर्व जल्द शुरू : छत्तीसगढ राज्य में चौथे बाघ अभयारण्य का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। NTCA अर्थात् नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की तकनीकी समिति ने गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व को मंजूरी दे दिया है। और जल्द ही इसकी अधिसूचना भी जारी की जाएगी। बाघों के संरक्षण हेतु कोरिया जिले में स्थित इस गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व में सामिल करने का प्रयास पिछले सात साल से चल रहे हैं। सरकार द्वारा सन् 2019 में इसका प्रस्ताव भी पारित किया था परंतु स्पष्ट खाका तब भी तैयार नहीं हुआ था। इस साल 21 जून को हुई राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में गुरु हुए घासीदास टाइगर रिजर्व का पूरा क्षेत्रफल एवं नक्शा पेश किया गया। जिसका पूरा क्षेत्रफल 2 हजार 829 वर्ग km. तय किया गया है।

 

गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया छत्तीसगढ़
Gurughasidas Rashtriya Udhyan Koria

छत्तीसगढ़ में राज्य का चौथा tiger reserve जल्द शुरू:-

जिसके कोर एरिया में 2 हजार 49 वर्ग km. एवं बफर एरिया में 780 वर्ग km. का जंगल होगा। बोर्ड की मंजूरी के बाद एस ही वन विभाग ने यह प्रस्ताव NTCA को भेज दिया था। अब NTCA की तकनीकी समिति ने परीक्षण के पश्चात इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बताया गया है, कि एक अधिसूचना के बाद से टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आ जाएगा।

 

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