छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के 103 समेत 158 एमओयू निरस्त,MOU क्या है?

 

MOU क्या है? -:
“MOU का फुल फॉर्म Memorandum Of Understanding होती है. समझौता ज्ञापन (एमओयू) पार्टियों के बीच एक द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौते का वर्णन करने वाला एक दस्तावेज है।”


एमओयू पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में 2012 में हुए ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान हुए थे। एमओयू करने के करीब नौ वर्ष बाद भी इनमें से किसी भी उद्योगपति ने उद्योग स्थापना की पहल नहीं की है। इसी वजह से इनको रद करने का फैसला किया गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2012 में नवा रायपुर में तीन दिन तक चले ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट में करीब 10 देशों के राजदूत समेत कई बड़े उद्योगपति शामिल हुए थे। इस आयोजन पर लाखों रुपये खर्च किए गए थे। इस दौरान कुल 275 एमओयू हुए थे। इनके जरिये कुल 93,830 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई गई थी। गुरुवार को सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इनमें छह एमओयू के तहत उद्योग की स्थापना और उत्पादन शुरू हो चुका है, जबकि 25 में अभी स्थल चयन की प्रक्रिया चल रही है। बाकी अभी फाइलों में ही हैं। वहीं, इसके अलावा वर्ष 2001 से 2018 के बीच 3,03,115 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश के 211 एमओयू किए गए थे। इनमें वास्तविक पूंजी निवेश 78,776 करोड़ रुपये का हुआ है। 67 एमओयू में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। 61 एमओयू में क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है, जबकि 55 एमओयू में कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया।



2019 से अब तक 115 एमओयू

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 से अब तक 115 एमओयू प्रभावशील हैं। इनमें प्रस्तावित पूंजी निवेश 46,937 करोड़ रुपये हैं। 92 परियोजनाओं में क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है। एक में उत्पादन भी शुरू हो गया है। 23 नए एमओयू में कार्य प्रारंभ होना है।

Source- दैनिक जागरण

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