चित्रकोट जलप्रपात बस्तर : छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर ज़िले में एक बेहद ही खुबसूरत जलप्रपात स्थित है। इस जल प्रपात की ऊँचाई करीब 90 फुट एवं चौड़ाई क़रीब 980 फुट है । जगदलपुर जिले से लगभग 39 km. दूर इन्द्रावती नदी पर ही यह जलप्रपात बनती है। समीक्ष कों द्वारा इस जल प्रपात को आनन्द तथा आतंक का मिलाप कहा गया है। 90 फिट की उंचाई से इन्द्रावती की ओजस्विन धारा गर्जना करते हुये जब नीचे गिरती है, किसी स्वर्ग सी प्रतीत होती है। 90 फुट की उचाई से गिरती हुई यह जल धारा काफी मनमोहक ध्वनि भी उत्पन्न करती है, जो लोगों की मन मोह लेती है।
चित्रकूट जलप्रपात की विशेषता : चित्रकूट जलप्रपात की सबसे बडी विशेषता यह है कि वर्षा के दिनों में यह रक्त लालिमा धारण लिए हुए दिखाई पड़ती है, तो वही गर्मियों की चाँदनी रात में यह बिल्कुल दूधिया सफ़ेद दिखाई पड़ती है। छत्तीसगढ़ राज्य में और भी अनेकों जलप्रपात स्थित हैं, किन्तु चित्रकूट जलप्रपात इन सभी से बड़ी और बेहद खुबसूरत है। चित्रकूट जलप्रपात कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पास में ही स्थित दो झरनों में से एक है, जहां स्थित दूसरा जलप्रपात तीरथगढ़ झरना है।
चित्रकूट जलप्रापात की प्रकृति एवं आकर : चित्रकूट जलप्रपात आकार में घोड़े की नाल के समान दिखाई पड़ती है, जिसके कारण इसकी तुलना विश्व प्रसिद्ध नियाग्रा के झरनों से की जाती है। स्पष्ट है की अपने घोड़े की नाल के आकार की वजह से ही इसकी तुलना नियाग्रा फॉल्स से की जाती है। इसे सोबरीक द स्मॉल नियाग्रा फॉल्स की संज्ञा दी जाती है। जुलाई से अक्टूबर तक बारिश के मौसम में झरने से धुंध पर प्रतिबिंबित होने वाली सूर्य की किरणों से इंद्रधनुष बनते हुए दिखाई पड़ते हैं।
अन्य दर्शनीय स्थलें : चित्रकूट जलप्रपात के ठीक बाएं किनारे पर एक छोटा सा भगवान शिव जी की मंदिर है। इसके ठीक किनारे पर भगवान् शिव ज़ी की मन्दिर के साथ ही साथ अनेक प्राकृतिक गुफाएं भी स्थित हैं, जिन्हें पार्वती गुफा भी कहा जाता है।
तीरथगढ़ जलप्रालात : तीरथगढ़ जलप्रपात भी एक वाटरफाल है, जो चित्रकूट वॉटरफॉल से तो छोटा है पर इसकी भी खूबसूरती काफी मनमोहक एवं देखने लायक है। चित्रकूट आने वाले पर्यटक तीरथगढ़ झरना की सुंदरता को निहारने जरूर आते है।
जगदलपुर : बस्तर जिले स्थित जगदलपुर प्यारा सा शहर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती एवं नजारों के लिए ही जाना एवं पहचाना जाता है। यह बस्तर जिले का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। खान पर बड़ी संख्यां में लोग घूमने आते हैं। इसलिए यहां की अर्थव्यवस्था के दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्व रखता है।
इन्द्रावती नदी : असल में यह गोदावरी नदी से ही निकलने वाली एक जलधारा ही है, जो जगदलपुर में पश्चिमी दिशा की ओर से प्रवेश करती है। जिसे देख कर ऐसा लगता है कि मानो यह नदी काफ़ी गंभीरता से अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही है। यहां की ऊंची-ऊंची पहाड़ी चोटियां बरसात के दिनों में और भी अधिक भव्य तथा मनमोहक लगने लगती हैं।
भरत मिलाप मन्दिर : ऐसी मान्यता है कि जब भरत अपने बड़े भाई प्रभु श्री राम जी को वनवास के दौरान वापस ले जाने के लिए मनाने आये थे तो इसी स्थान पर ही भगवान श्री राम उनसे मिले थे। हैरानी की बात यह भी है कि यहां आज भी भगवन राम चन्द्र एवं भरत जी के पैरों के निशान देखे जा सकते हैं।
गणेश बाग : इसका जिक्र अनेकों धार्मिक एवं पौराणिक पुस्तकों में सुनने एवं देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता भी है कि इसी स्थान पर प्रभु राम द्वारा अपने वनवास के 14 वर्षों के 11 वर्ष यही व्यतीत किये गए थे। हालाकि इसका लिखित प्रमाण तो हमे अभी तक प्राप्त नहीं है, लेकिन लोगों की ऐसी मान्यता जरूर है। इस स्थान के पीछे स्थित भव्यता से खड़ी हुई विन्ध्याचल पर्वत की विशाल श्रृंखला इस पूरे इलाके की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है।
कालिंजर किला : जमीन से लगभग 1,203 फीट की ऊंचाई पर बना बना हुआ यह किला प्राचीन काल की शानदार वास्तुशैली एवं वास्तुकला का शानदार उदाहरण पेश करता है। साथ ही यह इस स्थल की कुछ प्राचीनतम इमारतों में से एक है। इस किले का इतिहास यह बताता है कि बुंदेलखंड राजवंश के शासन काल के दौरान यह एक महत्वपूर्ण स्थान हुआ करता था।
चित्रकूट जलप्रपात क्यों जाएं (Reason To Reach Chitrakoot Waterfall) : चित्रकूट जलप्रपात अपने आस-पास से काफी घने जंगलों से घिरा हुआ है। जिससे जब यहां कई तरह के में रंग-बिरंगे पक्षी उड़ते हुए दिखाई देते हैं, जो अत्यंत मनमोहक प्रस्तुति प्रस्तुत होकर आपके सामने आती है। इसके अलावा इस भव्य झरने से गिरते हुए पानी का शोर इतना तेज़ होता है कि किसी भी अन्य की आवाज़ सुनाई ही नहीं देती है। यह झरने बारिश के दिनों में और भी अधिक खूबसूरत लगने लगती हैं। जिसे देखर ऐसा लगता है मानो यह दुनिया की सबसे सुंदर जलप्रपात है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नही है। प्रकृति की अपार संपदा से भरपूर यह जलप्रपात लोगो की अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।
चित्रकूट जलप्रपात कैसे पहुंचें :
सड़क मार्ग द्वारा : अगर आप अपने साधन मोटर साइकिल के माध्यम से आना चाहते है, तो आप आसानी से सड़क मार्ग द्वारा यहां पहुंच सकते है। जगदालपुर से केवल 40 से 45 km की सड़क मार्ग द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग द्वारा : निकटतम रेलमार्ग बस्तर है। जहा पहुंचने के बाद आप जगदलपुर से 40 कि.मी. की दूरी यह कर यहां सड़क मार्ग द्वारा पहुंच सकते है। रायपुर से लगभग 273 कि.मी. की दूरी पर स्थित।
हवाई मार्ग द्वारा : निकटतम हवाई अड्डा रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट है। यहां से आप ट्रेन के सहारे बस्तर और फिर वहा से जगदलपुर होते हुए सड़क मार्ग से यहां पहुंच सकते है।
हमारी राय : अगर आप छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी कोने से है तो एक बार यहाँ जरुर आना आप को हमारे छतीसगढ़ राज्य की खूबसूरती को देखने एवं उसे करीब से निहारने का भी मौका मिलेगा, हा और अगर आप जुलाई से अक्टूबर के महीने में यहाँ आते है तो खान आपको इसकी खूबसूरती दुगनी नजर आयेगी। धन्यवाद!