Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी पिछले कई महीनों से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे थे। बुधवार को बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- छत्तीसगढ़ के अधिकारी और कर्मचारियों के सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल की जा रही है।
राजस्थान से सबसे पहले इस सिस्टम को लागू करने का एलान किया था। इस योजना का फायदा छत्तीसगढ़ के 2 लाख 95 हजार सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। दोपहर के वक्त जैसे ही मुख्यमंत्री ने इसका एलान किया। कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। कलेक्टर दफ्तर में कर्मचारियों ने बाहर आकर पटाखे फोड़े और मार्च में दीवाली सा जश्न देखने को मिला। सभी कर्मचारी संगठन हाल ही में पुरानी पेंशन देने की मांग लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर चुके थे। इस मांग के पूरा होने की वजह से सभी कर्मचारी बेहद खुश हैं।
ये होगा फायदा: पुरानी योजना में जीपीएफ और ग्रेच्युटी की सुविधा है। पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं होती। सेवानिवृत्त होने पर बेसिक सैलरी की 50 प्रतिशत पेंशन मिलती है। कर्मचारी की मृत्यु होने पर नॉमिनी को भी पेंशन मिलती है, जबकि न्यू पेंशन स्कीम में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत (नया अंशदान 14 प्रतिशत) कटौती होती है, तो सरकार भी 10 प्रतिशत का अंशदान देती है। यह राशि केंद्रीय एजेंसी एनएसडीएल में जमा होती है, यह पैसा शेयर बाजार में लगता है। शेयर बाजार के ऊपर-नीचे होने से कर्मचारियों को मुनाफा-घाटा होता है।
ये है फर्क:
•ओल्ड पेंशन स्कीम:
•पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं
•जीपीएफ का प्रावधान
•पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से
•सेवानिवृत्त होने पर अंतिम मूल वेतन से 50% बनती है पेंशन
•मृत्यु होने पर परिवार (नॉमिनी) को पेंशन का प्रावधान
•जीपीएफ के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
न्यू पेंशन स्कीम:
•वेतन से 14 प्रतिशत कटौती का प्रावधान
•जीपीएफ से नहीं जोड़ा गया
•यह शेयर आधारित।
•पेंशन का कोई प्रावधान नहीं, एक-मुश्त मिलेगा पैसा
•इसमें भी मगर, योजना में जमा पैसों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं
•सेवानिवृत्त पर शेयर बाजार के आधार पर पैसा मिलेगा, टैक्स भी।