Tifra Kali Mandir : काली मन्दिर तिफरा छत्तीसगढ़ : Kali Mandir Tifra Bilaspur Chhattisgarh
तिफरा स्थित मां काली मन्दिर हजारों, लाखों भक्तों की आस्था का प्रतिक है। नवरात्री के दिनो यहां भक्तो का भीड़ बहुत ही अधिक रहता है। हजारों भक्त यहां माता के दर्शन के लिए पहुंचते है। बिलासपुर शहर में स्थित होने के कारण यहां काफ़ी रात तक भक्तो की भीड़ उमड़ी रहती है। रात्रि 9-10 बजे भी यहां पर भक्तो की भारी तादात रहती है। बिलासपुर के साथ ही साथ बिलासपुर के बाहर के लोगो के लिए भी आस्था का केंद्र हैं, बाहर से भी काफी तादात में त्यौहारों में यहां श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आया करते है।
प्रारंभिक दिनों में ज्यादा लोगो के पास यहां की जानकारी प्राप्त नहीं थी। जिसके कारण पहले यहां उतनी भीड़ नहीं हुआ करता था लेकिन जैसे जैसे यहां के बारे में लोगों के जानकारी लगती गाई श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती गई।
नवरात्री में रामलीला का अयोजन : बिलासपुर शहर में इमली के पेड़ के नीचे इसकी शुरुआत हुई थी, और आज काली मंदिर में होती है रामलीला। बिलासपुर में स्थित श्री वेद ब्यास रामलीला कमेटी की ओर से ही बिलासपुर में श्रीरामलीला का आयोजन कराया जाता है। वर्ष 1971 में शुरुआत एक इमली के पेड़ के ठीक नीचे की गई थी। उस समय यहां पर ड्रामा भी किया जाता था। और यह लोगों की मांग भी थी जो की मनोरंजन का साधन भी था। समय के साथ साथ इसमें बदलाव भी होता गया। पहले वायर वाले माइक के सामने खड़े होकर कलाकारो द्वारा डायलॉग बोला जाता था, परंतु वर्तमान में वायरलेस माइक का उपयोग किया जा रहा है। यहां पर लोग पहले जगाधरी में श्री रामलीला देखने आया करते थे। उनके द्वारा प्लानिग की गई की जब यहां हो सकती है, वे अपने यहां भी क्यों आयोजित नहीं कर सकते हैं। इमली के पेड़ के ठीक नीचे से ही इसकी शुरुआत हुई थी। आज भी यहां पहले की तरह भारी भीड़ लगती है। लोगों को रामलीला का बेसबरी से इंतजार रहता है। रामलीला भाईचारे का भी संदेश देता है। जहां पर हर धर्म के लोग किरदार निभा रहे हैं।
वर्तमान में पंडाल की काफ़ी आकर्षक फूलों से सजावट की गई है। जीतने भी लोग यहां आया करते है, यहां की सजावट को देखकर दंग रह जाते है। यहां की साज सज्जा भी यहां आए लोगों को काफी आकर्षित करती है। फूलों से सजे होने के कारण काफी महक रहती है। लोगों के बैठने के लिए भी यहां पर मैट बिछाई गई हैं। जनरेटर से रोशनी की भी व्यवस्ता किया गया है। श्री रामलीला में कैकेयी का किरदार निभा रहे श्री राजकुमार वर्मा जी कहते हैं कि किरदार निभा कर उन्हे आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है। श्री राम चंद्र जी का कीर्तन भी करते हैं। मंचन के दौरान उनका पूरा ध्यान पूरी तरह अभिनय पर रहता है। अलग अलग तरह की किरदार को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पर आते हैं।
कमेटी के प्रधान श्री सूरजभान सैनी जी का कहना है कि यहां की श्री रामलीला दूर – दूर तक प्रसिद्ध है। आसपास के तमाम लोग भी यहां रामलीला देखने के लिए आया करते हैं। उनका यह भी प्रयास रहता है कि दर्शकों को किसी भी तरह की कोई भी दिक्कत ना हो। आयोजन के दौरान सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध भी किया जाता हैं। यहां पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था की स्थिति ना बने। महिलाओं की सुरक्षा का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। श्री रामलीला में भरत का किरदार वर्तमान में निभा रहे राजबीर चौहान कहते हैं कि वे कई साल से राम जी के भाई भरत का किरदार निभा रहे हैं। लोग उनके किरदार को काफी पसंद भी करते हैं। डायलॉग पर विशेष ध्यान रखा जाता हैं, पहले अभ्यास किया जाता हैं। एवं उसके पश्चात मंच पर अभिनय भी करते हैं। शुरुआत में उनको थोड़ी बहुत दिक्कत जरूर आई थी। लेकिन निरंतर अभ्यास के बाद वह भी दूर हो गई।